हाथी है हमारे साथी

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 हाथी है हमारे साथी

एक गाँव में सर्कस का कैम्प लगा हुआ था। उस सर्कस में, पांच हाथियों के एक झुण्ड के कुछ करतब शामिल थे। उन्हें कमजोर रस्सीयों से बांधकर रखा गया था, जिससे वे आसानी से बच सकते थे और भाग सकते थे। लेकिन वे नहीं भाग गए।

एक दिन सर्कस में जाने वाले एक व्यक्ति ने बड़े आश्चर्य से रिंगमास्टर से एक सवाल पूछा: “इन हाथियों ने इस कमजोर रस्सी तोड़कर भाग क्यों नहीं लिया?”

रिंगमास्टर ने उत्तर दिया: “जब वे छोटे थे, तब से इन हाथियों को यह विश्वास दिलाया गया था कि, वे इन रस्सियों को तोड़ने और भागने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं हैं।

“हम आपस में का एक-दुसरे के प्रति सच्ची लगन और विश्वास ही हमें एकदूसरे से पक्का बांधकर रखता है”।

 इसी प्रेम और विश्वास की वजह से उन्होंने अबतक रस्सियों को तोड़ने की कोशिश तक नहीं की।

क्या कहती यह कहानी?

यह कहानी एक सर्कस के हाथीयों की है। हैरत की बात यह थी की उन्हें कुछ कमजोर रस्सीयों से ही बांधा गया था। इसपर रिगमास्टर यह बयान देता है की, यह हाथी उस रस्सी को क्यों नहीं तोड़ सकते। उन्हें अब अपनापन, प्यार और विश्वास का इतना एहसास हो गया है की वे हम से कभी भी भागकर दूर नहीं जा सकते है। इसलीए इन्होने अबतक इन रस्सियों को तोड़ने की कोशिश भी नहीं की।

कहानी से सीख :

सच्चा प्यार और भरोसा ही पक्के रिश्ते मजबूत डोर है। समाज की मर्यादाओं के आगे न झुकें। विश्वास करें कि आप वह सब कुछ हासिल कर सकते हैं जो आप करना चाहते है। अगर आपस में विश्वास और प्रेम हो।

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