शेर का दामाद

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शेर का दामाद

एक बार एक शेर शिकारी के जाल में फंस जाता है। एक चूहे ने उसे जाल को कुतरकर मुक्त कर दिया। इससे शेर खुश हो गया और उसने कहा, “जो चाहो मांगो, मैं तुम्हारी इच्छा पूरी करूंगा।’ जैसे ही शेर ने यह कहा, चूहे ने कहा, “आपने मुझे वचन दिया है, अगर आप मेरी मांग सुनेंगे तो आप वादा नहीं तोड़ देंगे, है ना?” शेर ने कहा, “अरे नहीं, मैं राजा हूं और राजा कभी अपनी बात नहीं तोड़ता। 

बस कहो तुम क्या चाहते हो।” तो चूहे ने कहा, “मुझे अपना दामाद बना लो।” शेर भी मान गया। शेर ने अपनी बेटी की शादी चूहे से कर दी। सारे कर्मकांड हुए। लेकिन सप्तपदी के समय, नवरदेव चुहा दुल्हन के पैरों के नीचे पाए गए और कुचल कर मारे गए।

क्या कहती है यह कहानी!

-अर्थ और बोध

जंगल के राजा शेर एक बार जाल में फंस जाता है। एक चूहा उसे इस जाल से छुडाता है। शेर बहोत खुश होता है और चूहे को बदले में जो चाहो वह  मांगने कहता है। तो चूहा उसे अपना दामाद बनाने की मांग रखता है।

   शेर भी मान जाता है और उसकी शादी उसके बेटी के साथ कर देता है। मगर विवाह वेदी पर चूहा दुल्हन के पैरों तले कुचल जाते है।

कहानी से सिख:-

   यह कहानी यह दर्शाती है की, अपने शक्ति और हैसियत के अनुरूप अपना व्यवहार रखे। यदि आप अपनी शक्ति से परे किसी चीज की लालसा करते हैं, तो आप स्वयं को मुश्किल में डाल देंगे।

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