ताकद से बेहतर अक्ल

Bunny Photo by Magda Ehlers from Pexels
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ताकद से बेहतर अक्ल

गर्मी के दिन थे। जंगल के तालाब में पानी खत्म हो रहा था। कुछ तालाब का पानी तो खत्म हो गया था। हाथियों का एक झुंड पानी की तलाश में था। पर उन्हें पानी कहीं भी नहीं मिला।

   हाथियों के झुंड के राजा ने कहा, “मैं जंगल की दूसरी सबसे बड़ी झील को जानता हूँ। चलो वहाँ चलते हैं।” हाथियों को पीने के लिए पानी की बहोत जरूरत होती है। सब दूसरे जंगल की ओर चले गए। तीन रातों की लम्बी यात्रा के बाद, हाथियों का यह झुंड सबसे बड़ी झील के पास पहुंचा।

    इस बड़े तालाब के क्षेत्र में खरगोश रहते थे। वे तालाब के चारों ओर की मिट्टी में दबकर अपना जीवन यापन कर रहे थे। तीन रात तक यात्रा कर चुके हाथी पानी देखते ही उस पानी की ओर दौड़ पड़े। उन्हें इस बात का कोई भी अंदाजा नहीं था कि हमारी वजह से खरगोशों के घर नष्ट हो रहे हैं। हाथियों के झुण्ड के दौड़ने से बहुत सारे खरगोश भी मारे गए।

खरगोशों को अब इस स्थिति का हल खोजना था।

   खरगोशों के झुंड में से एक चतुर खरगोश हाथियों के राजा से मिलने गया। खरगोश ने कहा, ‘महाराज, हमारे महान राजा चंद्र महाराज ने तुम्हें इस तालाब का पानी पीने से मना किया है। तब हाथियों के झुण्ड के राजा ने उससे पूछा कि उसका राजा कहाँ है, खरगोश ने कहा, ‘मैं तुम्हें उनके पास ले चलता हूँ।’

खरगोश हाथी को एक लंबी सड़क से तालाब तक ले गया। जब तक वे उस तक पहुंचे तब तक चंद्रमा आकाश में आ गया। उस तालाब में चाँद का थरारता प्रतिबिंब था। उसकी ओर इशारा करते हुए खरगोश ने कहा, “देखो, हमारा महाराजा क्रोध से कांप रहा है।” यह दृश्य देखकर हाथी डर गया। पानी में चाँद के प्रतिबिंब को हिलता देख बे-अकल हाथी ने खरगोश से माफी मांगी।

   सभी हाथियों के साथ, उनका राजा जंगल से बाहर निकल गया, खरगोश अब खुशी-खुशी तालाब के आसपास रहने लगे।

क्या कहती है यह कहानी!

-अर्थ और बोध

जंगल के हाथियों का झुण्ड गर्मी के दिनों से परेशान था। जंगल के तालाब  का पानी खत्म होने जा रहा था। हाथियों ने पानी की बहोत तलाश की मगर पानी कही नहीं मिला।

   जंगल का बुजुर्ग हाथी और राजा जंगल की दूसरी ओर एक बड़े तालाब की ओर चलने का सुझाव देता है। सभी हाथी बड़े मुश्किलों से उस जंगल के तालाब तक पहुँचते है। मगर उन हाथियों के आवागमन से उस तालाब के किनारे रह रहे कुछ खरगोश मर जाते है और उनके घर नष्ट हो जाते है।

   कुछ दिनो बाद, एक चतुर खरगोश

हाथीयो के राजा से मिलता है, और उस तालाब का पानी नहीं पिने का खरगोश के राजा का हुकुम है, ऐसा बताता है। हाथियों का राजा खरगोशों के राजा ‘चन्द्र’ महाराज से मिलता है। तालाब के पानी में ‘क्रोधीत चन्द्र’ का कांपता प्रतिबिंब देख वह हाथी घबरा जाता है और अपने झुंड को लेकर वहां से निकल जाता है।

 तात्पर्य – ताकत से बेहतर अकल

कहानी से सिख:-

दोस्तों, जीवन में ऐसे कई मोके आते है, जहाँ हम बेवजह अपनी ताकद का इस्तेमाल करते है। इस कहानी की तरह ही हम अपने जीवन में बड़े-बड़े मुश्किल हालात और समस्याओ के हल अपनी अकल का इस्तेमाल कर निकाल सकते है। इसीलिए, ताकद से बेहतर है अकल!

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