राजा और उसकी प्रजा

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बहुत पुराने समय की बात है, माधवपुर नामक गांव में माधव सिंह नाम के राजा का शासन चलता था। उनका राज्य काफी बड़ा था। परन्तु राज्य में काफी दिनों से बारिश ना होने के कारण राज्य की हालत काफी खराब हो चुकी थी। प्रजा सूखे के कारण बहुत गरीबी हो रही थी।

एक दिन की बात है, उन्होंने सोचा क्यों ना आज अपने प्रजा का हाल  जाना जाए। इस विचार को मन में रखते हुए राजा माधव सिंह ने राज्य भ्रमण का योजना बनाया और अपने रथ पर सवार होकर भ्रमण करने निकल परे। कुछ दूर चलने के पश्चात जब वो जंगल के रास्ते से गुजर थे कि अचानक से उनके रथ का पहिया टूट गया, जिसके कारण उनका रथ पलट कर जमीन पर धड़ाम से गीर गया।

रथ पलटने के कारण राजा को काफी चोट आ गई। उन्होंने पाया कि रास्ते पर काफी पत्थर और कंकड़ होने के कारण उनका पहिया टूट गया। जैसे – तैसे करके वे राजमहल पहुंचे। अपने सारे मंत्रियों और सैनिकों को बुलाकर उन्होनें आदेश दिया कि सारे राज्य में रास्तों से पत्थर – कंकड़  हटाकर कोमल गद्दे बीछा दिए जाए ताकि भविष्य में कभी भी जब वे राज्य भ्रमण को निकले तो उन्हें आज की तरह दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। माधव सिंह की बात सुनकर सारे दरबार में उपस्थित व्यक्ति दंग रह गए।

किसी को भी उनका सुझाव हजम नहीं हुआ परन्तु किसी में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वे राजा के आदेश पर कुछ सवाल कर पाए। अगले दिन सारी मंत्रियों ने आपस में बैठक की कि अगर महाराज ऐसे दुख भरे समय में खजाने का पैसा इन चीज़ों पर बर्बाद करेंगे तो हमारे राज्य की हालत बद से बदतर हो जाएगी।

उनमें से राजा के महामंत्री आगे आकर कहा कि अगर बात प्रजा की है तो मैं महाराज से बात करूंगा। अगले दिन महामंत्री डरते डरते महाराज के पास गए और कहा कि – महाराज अगर आपको आज्ञा हो तो मैं आपको एक सुझाव देना चाहता हूँ, जिससे इतने अनावश्यक खर्च ना हो ।

और पैसे का इस्तेमाल सही जगह हो। माधव सिंह सकते में था कि किसी ने पहली बार उसके आज्ञा की अवहेलना की है। परन्तु वो उसके सुझाव सुनने को भी तैयार हो गए। महामंत्री ने कहा – महाराज, पूरे राज्य के सड़कों को मखमल से ढकने के बदले अगर हम पहिए टूटने के असली कारण को जान कर उसका हाल निकले तो अधिक उचित होगा। राजन! आपके पुराने रथ काफी खराब लकड़ी से बना था।

क्यों ना हम उसे काफी मजबूत लकड़ी से बनाए ताकि अगली बार जब वो पथरीली रास्तों से गुज़रे तो पहिए टूटकर ना गिरे। उसके पश्चात् हम उन पैसों का उपयोग अपने प्रजा के देखभाल के लिए कर सकते हैं। माधव सिंह ,महामंत्री का सुझाव सुनकर काफी खुश हुआ। और रथ के लिए मजबूत पहिए बनाने का आदेश दिया। जिन पैसों से मखमल के सड़क बनने थे उन पैसों को राज्य हित में खर्च करने को दिया।

सीख – हमें हमेशा ऐसा हल ढूंढ़ना चाहिए जो ज्यादा उचित हो और हमें अपने पैसों का सही जगह पर सही से इस्तेमाल करना चाहिए। फ़िज़ूल के कामों में अपने पैसों को खर्च नहीं करना चाहिए।

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