सफलता का एक जरूरी पाठ

Rooster Photo by James Wheeler from Pexels: https://www.pexels.com/photo/colorful-rooster-walking-in-chicken-paddock-4554155/
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सफलता का एक जरूरी पाठ

 एक बार एक गांव में दो मुर्गो के बीच लड़ाई हो गई।  झगड़े की वजह इतनी बड़ी थी कि उन दोनों में इस बात को लेकर बहोत बड़ा झगड़ा हो गया था। वजह थी एक मुर्गी से शादी कौन करे! और यह बात लड़ाई पर ही खत्म हो गयी। दोनों ने एक दूसरे पर भीषण लड़ाई में हमला करना शुरू कर दिया।

 लड़ाई में वे दोनों लहूलुहान हो गए, उनमें से एक खून से लथपथ हो गया और सीधे अपने पिंजरे में भाग गया और वहाँ से वह और उसकी मुर्गी देखने लगे कि बाहर क्या हो रहा है।

 दूसरा मुर्गा घर की छत पर यह सोचकर पहुँच गया कि उस झगड़े में उसकी की ही जीत हो गयी है। वहाँ से उसने मुर्गी को  देखा और जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया “मैं जीत गया, मैं जीत गया”।

 उसी वक्त ऊपर से एक उकाब आया, और उसने मुर्गे को उठा लिया, और बहुत दूर जाकर उसे मारकर खा गया।  जब मुर्गा और मुर्गी बाहर निकले, तो मुर्गे ने मुर्गी से कहा, “अगर मैं बाहर रहता, तो मेरा हाल उसके तरह ही होता।”  और मैं अब से तुम्हारी ही देखभाल करूंगा।

क्या कहती है यह कहानी?

अर्थ और बोध

  कहानी कुछ मुर्गों की है जिनका आपस मे बहोत बडा झगड़ा हो गया। वजह मुर्गी से शादी की। झगड़ा इतना बढ़ गया कि, उनमें से एक मुर्गा बहोत घायल हो गया और मैदान छोड़कर भाग गया।

  इस बात को अपनी सफलता मानकर वह जोर -जोर से    चिल्लाकर जश्न मनाने लगता है। इतने में उसे एक उकाब ने ऊठा लिया और उसे खा गया।

 इस कहानी से बोध यह है कि, सफलता का घमण्ड आपको कही का नही छोड़ेगा। मिली सफलता को पचाने को सीखे।

 कहानी से सीख

पराजय की शुरुआत तब होती है जब व्यक्ति के सिर में सफलता की हवा उठती है।  सफलता को पचा पाना बहुत बड़ी बात है। सफलता मिली है तो उसे पचाना भी सीखे, यह है इस कहानी से सीख!

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