पाकिस्तान के बारे में

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पाकिस्तान के बारे में

हर देश की अपनी ही कुछ खासियत होती है। उसका अपना इतिहास और अपनी ही संस्कृति होती है। आज से 75 साल पहले 1947 में ब्रिटेन की गुलामी से निकलकर और भारत से अलग होकर अपने स्वतंत्र वज़ूद में आने वाले इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ पाकिस्तान के बारे में भी यह बात सच है। जो सांप्रदायिक आधार पर भारत से अलग होकर आज एक मुस्लिम राष्ट्र की तरह सारी दुनिया में जाना जाता है। हालांकि आज़ादी के वक़्त पाकिस्तान में हिंदू आबादी भी करीब पच्चीस फ़ीसदी थी। पर आज की तारीख में हिंदू वहां एक प्रतिशत से भी कम हैं। बाकी हिंदुओं का क्या हुआ और वे कहां चले गये यह कहना मुश्किल है। 


पाकिस्तान से हिंदुओं के गायब हो जाने का मुख्य कारण वहां का कट्टर इस्लामिक शासन ही समझा जाता है। असल में पाकिस्तान का अपना कोई संविधान नहीं है। इसके बजाय यह देश इस्लामिक शरिया कानूनों पर चलता है। यहां रसूल, अल्लाह या पैगंबर और मस्जिद का नाम अंग्रेजी में लेना ज़ुर्म है। पाकिस्तान में दो लोग शादी किये बिना साथ-साथ नहीं रह सकते। यानी लिव-इन रिलेशनशिप में रहना यहां एक अपराध है। आतंकवाद यहां एक बड़ी समस्या बन चुका है। जिस वज़ह से विश्व के बहुत से देश पाकिस्तानी नागरिकों को अपने यहां आने को वीज़ा नहीं देते। यही नहीं पाकिस्तान कई बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक आतंकी देश घोषित होते-होते बचा है। वह भी क्योंकि इस मामले पर चीन वीटो का इस्तेमाल कर देता है। यही वज़ह है कि भौगोलिक रूप से एक ख़ूबसूरत देश होने के बावज़ूद पाकिस्तान में विदेशी टूरिस्ट हर साल एक लाख के आसपास ही आते हैं। 


पाकिस्तान का जन्म वहां के कायदे आजम मुहम्मद अली जिन्ना के प्रयासों से संभव हुआ। क्योंकि उन्हें नहीं लगता था कि एक देश में कई धर्मों को मानने वाले एक साथ रह सकते हैं। और न ही उन्हें यह लगता था कि भारत में मुस्लिम समुदाय के साथ सामाजिक न्याय संभव हो सकता है। हालांकि शुरू में बांग्लादेश भी पूर्वी पाकिस्तान ही था। पर 1971 के युद्ध में भारत की मदद से बांग्लादेश पाकिस्तान से आज़ाद हो गया। और अब पश्चिमी पाकिस्तान ही वास्तव में पाकिस्तान है।


करीब बाईस करोड़ की आबादी के साथ पाकिस्तान आज जनसंख्या के मामले में दुनिया में पांचवें स्थान पर है। जबकि अगर बात करें मुस्लिम जनसंख्या की तो पाकिस्तान इंडोनेशिया के बाद विश्व में दूसरा स्थान रखता है। फिर भी यहां की जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि जल्द यह इंडोनेशिया को पीछे छोड़ते हुये नंबर एक पर आ जायेगा।  पाकिस्तान की करीब बीस प्रतिशत जनसंख्या सौ रूपये रोज से भी कम में गुजारा करती है। और इसमें भी आठ प्रतिशत ऐसे हैं जिन्हें पेट भर रोटी भी नहीं नसीब होती। बता दें कि पाकिस्तान की लगभग एक चौथाई जमीन ही कृषि-योग्य है। पर चना, मटर, गेहूं, दूध आम आदि के उत्पादन के मामले में पाकिस्तान का विश्व में एक ख़ास स्थान है।


इंटरनेट के इस्तेमाल के मामले में पाकिस्तान संसार में सबसे आगे के देशों में आता है। पर अश्लील साइटें भी सबसे अधिक पाकिस्तान में ही देखी जाती हैं। और इनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा महिलायें ही करती हैं। यहां बाहर निकलते समय महिलाओं के लिये हिज़ाब पहनना जरूरी है। दुनिया के पहले साइबर वायरस को भी दो पाकिस्तानी सगे भाइयों ने मिलकर खोजा था। पाकिस्तान के पास विश्व की सातवीं सबसे बड़ी सेना है। और यह एटॉमिक एनर्जी हासिल करने वाला दुनिया का पहला इस्लामिक देश है। पाकिस्तान में अब तक कुल दो लोग नोबेल पुरस्कार पा चुके हैं। जिनमें मलाला यूसुफजई के अलावा पाकिस्तान को एटॉमिक एनर्जी देने वाले भौतिक विज्ञानी डॉ. अब्दुल कादिर खान शामिल हैं।


881913 वर्ग किलोमीटर में बसा यह देश क्षेत्रफल यानी Area में विश्व का तैंतीसवां बड़ा देश है। यहां उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची, पश्तो और हिंदी बोलने वाले लोग रहते हैं। हालांकि यहां की राष्ट्रीय भाषा आधिकारिक तौर पर उर्दू ही है। पर कोई दो फीसदी पाकिस्तानी ही उर्दू बोलते हैं। ज्यादातर पाकिस्तानी बोलचाल में पंजाबी भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं। पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा ये पाकिस्तान के चार सूबे हैं। राजधानी इस्लामाबाद के अलावा लाहौर और कराची यहां के प्रमुख बड़े शहरों में शुमार हैं। कराची यहां का सबसे बड़ा शहर है। जो पाकिस्तान का एक बिजनेस हब भी है। जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान और आज़ाद कश्मीर कहे जाने वाले क्षेत्रों पर भी पाकिस्तान का ही नियंत्रण है।


अरब सागर से लगी पाकिस्तानी समुद्री सीमा लगभग एक हजार किलोमीटर से कुछ अधिक लंबी है। जबकि उत्तर पश्चिम में अफगनिस्तान से करीब ढाई हजार किलोमीटर और दक्षिण पूर्व में नौ सौ किलोमीटर ईरान व लगभग पांच सौ किलोमीटर चीन के साथ इसकी जमीनी सीमा जुड़ी हुई है। इसके अलावा पूरब में भारत के साथ करीब तीन हजार किलोमीटर लंबी सीमा-रेखा पाकिस्तान भारत के साथ साझा करता है। जो एलओसी यानी लाइन ऑफ़ कंट्रोल के नाम से मशहूर है।
पाकिस्तान के उत्तरी पहाड़ी इलाके में हिमालय पर्वत की सबसे ऊंची चोटियां मौज़ूद हैं। जिसमें पांच चोटियां आठ हज़ार मीटर से भी ऊंची हैं। जिनके बीच से ऐतिहासिक खैबर दर्रा होकर गुजरात है। जिसे खैबर पास के नाम से भी जाना जाता है। पाकिस्तान के उत्तरी हिस्से में स्थित काराकोरम हाईवे दुनिया का सबसे ऊंचा हाईवे है। मालूम हो कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन भी पाकिस्तान में ही स्थित है। पाकिस्तान के उत्तरी पहाड़ी इलाके में मौसम बहुत उठता-गिरता रहता है। गर्मियों इन इलाकों का तापमान पैंतालीस डिग्री से भी अधिक हो जाता है। जबकि सर्दियों के समय यह माइनस में पहुंच जाता है। हालांकि पाकिस्तान के दक्षिणी इलाकों में मौसम संबंधी उतार-चढ़ाव इतना नहीं होता।


भारत से निकलने वाली पांच नदियां– झेलम, सतलुज, रावी, चिनाव और व्यास जब पाकिस्तानी समतल इलाकों में पहुंचती हैं तो एक उपजाऊ जमीन तैयार करती हैं। यह क्षेत्र ही पंजाब कहलाता है। गौरतलब है कि इन पांच नदियों के कारण ही इसका नाम पंजाब पड़ गया। जो पंच और आब से मिलकर बना एक शब्द है। दक्षिण में इन नदियों के संगम से सिंधु नदी बनती है। जो पाकिस्तान की प्रमुख नदी है। सिंधु की घाटी और भी उपजाऊ है। सिंधु नदी दक्षिण में जाकर अरब सागर में समाहित हो जाती है। सिंधु नदी का पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी इलाका बलोचिस्तान का मरुस्थल है और इसका पूर्वी भाग थार का मरुस्थल है। पर सनद रहे कि दुनिया का एकमात्र उपजाऊ मरुस्थल थारपारकार भी इसी सिंधु के इलाके में ही है।


पाकिस्तान का एक स्वतंत्र इस्लामिक देश के रूप में जन्म भले ही बहुत पुराना नहीं है। पर इस भूभाग पर मानव सभ्यता का इतिहास हजारों साल पुराना है। विश्व की चार मुख्य प्राचीन सभ्यता में से एक सिंधु घाटी की सभ्यता यहीं पर 3300-1800 ईसापूर्व में विकसित हुई। जिसे हम मोहनजोदड़ो और हड़प्पाकालीन सभ्यता के नाम से भी जानते हैं। हालांकि इस ताम्र और कांस्य कालीन सभ्यता की लिपियां अभी तक पढ़ी नहीं जा सकी हैं। और यही वज़ह है कि विद्वानों में इस बात को लेकर मतभेद अब तक कायम है कि यह प्राचीनतम सभ्यता किन लोगों की थी। कुछ उन्हें आर्य कहते हैं तो कुछ द्रविड़ और कुछ बलोच।


कहा जाता है कि करीब 1500 ईसापूर्व आर्य इसी तरफ से भारत में आये थे। जिनका मूल निवास स्थान कैस्पियन सागर के पूरब और उत्तर के हिस्सों में माना जाता है। फिर 543 ईसापूर्व के आसपास तत्कालीन फारस यानी ईरान के हख़ामनी साम्राज्य ने पाकिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर कब्जा कर लिया। लेकिन ख़याल रहे कि अब तक इस्लाम धर्म वज़ूद में नहीं आया था। और फारस यानी ईरानी क्षेत्र के ये लोग पारसी धर्म या जरथुस्त्र के अनुयायियों में शामिल थे। 


पर 330 ईसापूर्व में मकदूनिया यानी यूनान के आक्रमणकारी सिकंदर ने उस समय पाकिस्तान पर राज करने वाले दारा-तृतीय को तीन बार हराया। इससे मिस्र से पाकिस्तान तक फैल चुके हख़ामनी साम्राज्य का अंक हो गया। इसके बाद सिकंदर सिंधु घाटी इलाके में ही भारतीय सम्राट पुरु या पोरस को हराने के बाद भारत में भी घुसना चाहता था। पर उसकी सेना ने आगे बढ़ने से मना कर दिया। जिसके बाद यहां से लौटने के दौरान ही सिकंदर की मौत हो गई और उसके बाद उसके सेनापतियों ने सिकंदर का जीता हुआ सारा साम्राज्य आपस में बांट लिया। इस तरह पाकिस्तान के अधिकांश हिस्सों में यूनानी-बैक्ट्रियन सभ्यता फैल गई।


300 ईसापूर्व के आसपास पाकिस्तानी भूभाग मौर्य शासन के अधीन आ गया। इसका प्रमुख शासक मिनांडर या मिलिंद बौद्ध धर्म को मानने वाला था। इसके बाद सन् 489 से 632 ई. तक यह पाकिस्तानी क्षेत्र राय राजवंश के शासन में रहा। और उसके बाद यह कुछ समय तक भारत के गुप्त और फारस के सासानी साम्राज्य के बीच बंटा रहा।

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पाकिस्तान के इतिहास में एक बड़ा बदलाव आया सन् 712 ई. में। जब फारस के सेनापति मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध के राजा को हरा दिया। गौरतलब है कि अब तक इस्लाम का उदय हो चुका था और वास्तव में यह इस्लाम की ही विजय थी। इसके बाद पाकिस्तान का पूरा क्षेत्र इस्लाम के असर में आता गया। कहा जा सकता है कि असल में इसी वक़्त यहां इस्लामिक पाकिस्तान की नींव पड़ी। फिर जब 1192 में मुहम्मद गोरी ने दिल्ली के सुल्तान पृथ्वीराज चौहान को हराया तो पाकिस्तान से दिल्ली तक एक हो गया। 


सोलहवीं सदी में मध्य एशिया से आये आक्रमणकारी बाबर ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया और इसके साथ ही यहां से लेकर पाकिस्तान व काबुल तक मुगल साम्राज्य फैल गया। मुगल साम्राज्य कुछ अठ्ठारहवीं सदी तक चलता रहा। और इसके बाद अंग्रेजी साम्राज्य इस ओर धीरे-धीरे पांव पसारने लगा। और आखिर 1857 के गदर के बाद ब्रिटिश क्राउन ने पाकिस्तान व भारत सहित इस पूरे महाद्वीप को अपने अधिकार में ले लिया। फिर जैसा कि हमें पता ही होगा कि दो-राष्ट्र की थ्योरी लाई गई और 1947 में भारत से अलग होकर पाकिस्तान का एक स्वतंत्र इस्लामिक देश के रूप में उदय हुआ।


कहते हैं पाकिस्तान के जन्म का आधार बने दो-राष्ट्र के सिद्धांत को सबसे पहले कवि और शायर अल्लामा इकबाल ने 1930 में दिया। जिन्हें बाद में पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि का ओहदा भी मिला। उन्होंने पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और अफ़गान क्षेत्रों को मिलाकर खासतौर पर मुस्लिमों के लिये एक नया राष्ट्र बनाने की परिकल्पना प्रस्तुत की। हालांकि पाकिस्तान को यह नाम मिला 1933 में कैंब्रिज विश्वविद्दालय के छात्र चौधरी रहमत अली से। जिन्होंने कश्मीर, पंजाब, सिंध और बलोचिस्तान के क्षेत्र के लिये पाक्स्तान शब्द का प्रयोग किया। जो बाद में पाकिस्तान कहलाया।


पाकिस्तान शब्द का मतलब है पाक-जमीन या पवित्र देश। पर आज यह देश आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित देशों में सबसे ऊपर है। आज भी मानव विकास सूचकांक में दुनिया में पाकिस्तान का 152वां स्थान है। जो कि किसी भी लिहाज़ से बेहतर नहीं कहा जा सकता। पाकिस्तान पर अक्सर कट्टरता और असहिष्णुता के आरोप लगते रहे हैं। वहां पर महिलाओं की स्वतंत्रता की दशा भी चिंताजनक है। बाद में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली मलाला यूसुफजई पर हुआ जानलेवा हमला इस बात की पुख़्ता गवाही देता है।  कुल लगभग पांच सौ करोड़ डॉलर की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद वाले पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय 3320 डॉलर के आसपास है। जबकि एक अमरीकी डॉलर की कीमत सौ पाकिस्तानी रूपये से अधिक है। जबकि आतंकवाद के चलते अब अमेरिका जैसे पाकिस्तान की मदद करने वाले देश भी हाथ पीछे खींचने लगे हैं।


 हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि पाकिस्तान में अच्छे लोगों और प्रतिभाओं की कोई कमी है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक पाकिस्तानी लोगों की औसत आईक्यू दुनिया के देशों में चौथे स्थान पर है। पर अभी इस देश को विकसित होने के लिये लंबा रास्ता तय करना है।

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