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फुलवारी से बच्चें

Poetry Photo by Victor from Pexels
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फुलवारी से बच्चें

छोटे-छोटे नन्हे मुन्ने
फुलवारी से बच्चें है
रौनक रहती है घर में इनसे
दिल के सारे सच्चे हैं

उम्र है जरा कच्ची इनकी
एक नन्हे पौधे की तरह देखभाल करो
समय-समय पर ज्ञान के पानी से
इनके साथ तुम प्रगति की राह पर चलों

सोच समझ नहीं है इनको
शरारत थोड़ी करते हैं
कदम-कदम पर लेकिन ये
सच की राह पर चलते हैंं

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